चिकनगुनिया (Chikungunya)

चिकनगुनिया (Chikungunya)


चिकनगुनिया बुखार (Chikungunya) एक वायरस बुखार है जो एडीज मच्छर एइजिप्टी के काटने के कारण होता है। चिकनगुनिया और डेंगू के लक्षण लगभग एक समान होते हैं।​ इस बुखार का नाम चिकनगुनिया स्वाहिली भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ है ''ऐसा जो मुड़ जाता है'' और यह रोग से होने वाले जोड़ों के दर्द के लक्षणों के परिणामस्वरूप रोगी के झुके हुए शरीर को देखते हुए प्रचलित हुआ है।

चिकनगुनिया के लक्षण (Chikungunya Symptoms)

चिकनगुनिया मे जोड़ो के दर्द के साथ बुखार आता है और त्वचा खुश्क हो जाती है। चिकनगुनिया सीधे मनुष्य से मनुष्य में नहीं फैलता है। यह बुखार एक संक्रमित व्यक्ति को एडीज मच्छर के काटने के बाद स्वस्थ व्यक्ति को काटने से फैलता है। चिकनगुनिया से पीड़ित गर्भवती महिला को अपने बच्चे को रोग देने का जोखिम होता है।

चिकनगुनिया के कारण (Chikungunya Causes)

चिकनगुनिया मुख्य रूप से मच्छरों के काटने के कारण ही होता है। इसके सामान्य कारण निम्न हैं: 
  • मच्छरों का पनपना।  
  • रहने के स्थान के आसपास गंदगी होना। 
  • पानी का जमाव। 

चिकनगुनिया का उपचार (Chikungunya Treatment)

चिकनगुनिया होने पर डॉक्टर की सलाह लेना सबसे जरूरी है। साथ ही चिकनगुनिया से पीड़ित रोगी को निम्न उपाय अपनाने चाहिए: 
चिकनगुनिया का प्राथमिक उपचार (Treatment of Chikungunya in Hindi)
  • अधिक से अधिक पानी पीएं, हो सके तो गुनगुना पानी पीएं।
  • ज्यादा से ज्यादा आराम करें।
  • चिकनगुनिया के दौरान जोड़ों में बहुत दर्द होता है जिसके लिए डाॅक्टर की सलाह पर ही दर्द निवारक (Pain Killer) लें।
  • दूध से बने उत्पाद, दूध-दही या अन्य चीजों का सेवन करें।
  • रोगी को नीम के पत्तों को पीस कर उसका रस निकालकर दें।
  • रोगी के कपड़ों एवं उसके बिस्तर की साफ-सफाई पर खास ध्यान दें।
  • करेला व पपीता और गिलोय के पत्तों का रस काफी फायदेमंद माना जाता है। 
  • नारियल पानी पीने से शरीर में होने वाली पानी की कमी दूर होती है और लीवर को आराम मिलता है। 
  • ऐस्प्रिन बुखार होने पर कभी ना लें, इससे काफी समस्या हो सकती है। 
चिकनगुनिया में बच्चों की देखभाल (Chikungunya in Children​)
  • बच्चों का खास ख्याल रखें। 
  • बच्चे नाजुक होते हैं और उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है इसलिए बीमारी उन्हें जल्दी पकड़ लेती है। ऐसे में उनकी बीमारी को नजरअंदाज न करें।
  • बच्चे खुले में ज्यादा रहते हैं इसलिए इन्फेक्शन होने और मच्छरों से काटे जाने का खतरा उनमें ज्यादा होता है।
  • बच्चों घर से बाहर पूरे कपड़े पहनाकर भेजें। मच्छरों के मौसम में बच्चों को निकर व टी - शर्ट न पहनाएं। रात में मच्छर भगाने की क्रीम लगाएं।
  • अगर बच्चा बहुत ज्यादा रो रहा हो, लगातार सोए जा रहा हो, बेचैन हो, उसे तेज बुखार हो, शरीर पर रैशेज हों, उलटी हो या इनमें से कोई भी लक्षण हो तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं।
  • आमतौर पर छोटे बच्चों को बुखार होने पर उनके हाथ - पांव तो ठंडे रहते हैं लेकिन माथा और पेट गर्म रहते हैं इसलिए उनके पेट को छूकर और रेक्टल टेम्प्रेचर लेकर उनका बुखार चेक किया जाता है। बगल से तापमान लेना सही तरीका नहीं है, बगल से तापमान लेना सही तरीका नहीं है, खासकर बच्चों में। अगर बगल से तापमान लेना ही है तो जो रीडिंग आए, उसमें 1 डिग्री जोड़ दें। उसे ही सही रीडिंग माना जाएगा।

चिकनगुनिया का घरेलू उपचार (Chikungunya Home Remedies)



एक तरह का वायरल बुखार है जो कि मच्छरों के कारण फैलता है। चिकनगुनिया ........READ MORE

Comments

Popular posts from this blog

स्कैम Scam (घोटालेबाज़ों) से कैसे बचें?

मोरल स्टोरी - सोया भाग्य (Moral Story - Soya Bhagya)

होमियोपैथी दवायें जो बचायें गंजेपन से (Homeopathic Medicine For Baldness)