स्वलीनता (ऑटिज़्म) के लिए चिकित्सा
स्वलीनता (ऑटिज़्म) के लिए चिकित्सा
ऑटिज़्म को शीघ्र पहचानना और मनोरोग विशेषज्ञ से तुरंत परामर्श ही इसका सबसे पहला इलाज है। ऑटिज़्म के लक्ष्ण दिखने पर मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिक, या प्रशिक्षित स्पेशल एजुकेटर (विशेष अध्यापक) से सम्पर्क करें। ऑटिज़्म एक आजीवन रहने वाली अवस्था है जिसके पूर्ण उपचार के लिए कोई दवा की खोज ज़ारी है, अतः इसके इलाज के लिए यहाँ-वहाँ न भटकें व बिना समय गवाएं इसके बारे में जानकारी प्राप्त करें।
ऑटिज़्म एक प्रकार की विकास सम्बंघित बीमारी है जिसे पूरी तरह तो ठीक नहीं किया जा सकता, परन्तु सही प्रशिक्षण व परामर्श के द्वारा रोगी को बहुत कुछ सिखाया जा सकता है, जो उसे अपने रोज के जीवन में अपनी देखरेख करने में मदद करता है।
ऑटिज़्म से ग्रसित 70% वयक्तियों में मानसिक मंदता पायी जाती है जिसके कारण वह एक सामान्य जीवन जीने में पूरी तरह से समर्थ नहीं हो पाते, परन्तु यदि मानसिक मन्दता बहुत अघिक न हो तो ऑटिज़्म से ग्रसित व्यक्ति बहुत कुछ सीख पाता है। कभी-कभी इन बच्चों में कुछ ऐसी काबिलियत भी देखी जाती हैं जो सामान्य वयक्तियों की समझ व पहुच से दूर होती हैं।
ऑटिज़्म से ग्रसित बच्चे को निम्नलिखित तरीकों से मदद दी जा सकती है-
इन्द्रियों को सम्मिलित करना संपादित करें
शरीर पर दबाव बनाने के लिए बड़ी गेंद का इस्तेमाल करें,सुनने की अतिशक्ति को कम करने के लिए कान पर थोड़ी देर के लिए हल्की मालिश करें!
खेल व्यवहार के लिए संपादित करें
खेल-खेल में नए शब्दों का प्रयोग करें,खिलौनों के साथ खेलने का सही तरीका दिखाएँ,बारी-बारी से खेलने की आदत डालें,धीरे-धीरे खेल में लोगो की संख्या को बढ़ते जायें।
बोल-चाल के लिए संपादित करें
छोटे-छोटे वाक्यों में बात करें,साधारण भाषा का प्रयोग करें,रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले शब्दो को जोड़ कर बोलना सिखांए,पहले समझना तथा फिर बोलना सिखांए,यदि बच्चा बोल पा रहा है तो उसे शाबाशी दें तथा बार-बार बोलने के लिए प्रेरित करें,बच्चे को अपनी जरूरतों को बोलने का मौका दें,यदि बच्चा बिल्कुल बोल नही पाए तो उसे तस्वीर की तरफ़ इशारा करके अपनी जरूरतों के बारे में बोलना सिखाएं।
मेल-जोल के लिए संपादित करें
बच्चे को घर के अलावा अन्य लोगों से नियमित रूप से मिलने का मौका दें,बच्चे को तनाव मुक्त स्थानों जैसे पार्क आदि में ले कर जायें,अन्य लोगों को बच्चे से बात करने के लिए प्रेरित करें,बच्चे के साथ धीरे-धीरे कम समय से बढ़ाते हुए अधिक समय के लिए नज़र मिला कर बात करने की कोशिश करे,तथा उसके किसी भी प्रयत्न को प्रोत्साहित करना न भूलें।
व्यवहारिक परेशानियों के लिए संपादित करें
यदि बच्चा कोई एक व्यवहार बार-बार करता है तो उसे रोकने के लिए उसे कुछ ऐसी गतिविधियों में लगाएं जो उसे व्यस्त रखें ताकि वे व्यवहार दोहरा न सके,
गलत व्यवहार दोहराने पर बच्चे को कुछ ऐसा काम करवांए जो उसे पसंद नही है,यदि बच्चा कुछ देर गलत व्यवहार न करे तो उसे तुरंत प्रोत्साहित करें,प्रोत्साहन के लिए रंग-बिरंगी, चमकीली तथा ध्यान खीचनें वाली चीजों का इस्तेमाल करें!
गुस्सा या अधिक चंचलता के लिए संपादित करें
बच्चे को अपनी शक्ति को इस्तेमाल करने के लिए सही मार्ग दिखाएँ जैसे की उसे तेज व्यायाम, दौड़, तथा बाहरी खेलों में लगाएं,यदि परेशानी अधिक हो तो मनोचिकित्सक के द्वारा दी गई दवा का उपयोग भी किया जा सकता है।
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