अधोमुखी श्वानासन | Adho Mukhi Svanasana
अधोमुखी श्वानासन
अधोमुखी श्वानासन का शाब्दिक अर्थ होता है कुत्ता। अधोमुखी का अर्थ होता है नीचे की ओर सिर। इस आसन में कुत्ते के सामान सिर को नीचे की ओर झुकाकर योग का अभ्यास किया जाता है। इस आसन का अभ्यास आप किस प्रकार कर सकते हैं और यह किस प्रकार आपके लिए लाभकारी होता है आइये इसे देखें.
अधोमुखी श्वानासन के लाभ –
Benefits of Adho Mukha
अधोमुखी श्वान आसन मुद्रा मेरूदंड को दृढ़ एवं सीधा बनाये रखने में सहायक होता है यह पैरों की मांसपेशियों के लिए उत्तम व्यायाम है। इस आसन से पैरों में मौजूद तनाव दूर होता है इस आसन के अभ्यास से दूसरे योग आसनो के लिए पैरों में पर्याप्त लचक आ जाती है.
अधोमुखी श्वान अवस्था – Adho
Mukha Svanasana Yoga
Technique
अधोमुखी श्वान आसन का अभ्यास करते समय शरीर का वजन पैरों के पार्श्व भाग पर डालना चाहिए.इस आसन में शरीर का भार पैरो पर डालने से बाजू और कलाईयों में रिलैक्स महसूस होता है.जिनकी कलाईयो अथवा बाजूओं में किसी प्रकार की परेशानी हो वह भी चाहें तो इस आसन का अभ्यास कर सकते हैं क्योंकि आसन में इनपर विशेष बल नहीं लगता है.जब आप इस मुद्रा में अपने शरीर का भार पैरों पर केन्द्रित करते हैं उसके बाद धीरे धीरे आपको अपनी ऐड़ियों को ज़मीन की ओर ले जाना होता है.अगर पैरों में अधिक तनाव महसूस होने लगे तो पैरों को ज़मीन पर टिकाने के लिए विशेष बल का प्रयोग नहीं करना
चाहिए. इस असन में मेरूदंड को झुकाना नहीं चाहिए और बाजूओं को थोड़ा फैलाकर रखना चाहिए.मेरूदंड और हाथ एक सीध में हों एवं पैरों की स्थिति इस प्रकार से होनी चाहिए कि पेडू के पास अंगेजी के V जैसी आकृति बने.आसन के दौरान घुटनों और केहुनियों को अधिक कड़ा करके नहीं रखना चाहिए.
योग क्रिया – Adho Mukha
Svanasana Yoga Step by Step
स्टेप 1. इस आसन का अभ्यास बाल मुद्रा से किया जाता है.
स्टेप 2. अपने कंधों से हाथों को बाहर की ओर खींचें.
स्टेप 3. अपनी उंगलियों को बाहर की ओर फैलाएं और हथेलियों को ज़मीन से लगाएं.
स्टेप 4. टेबल मुद्रा में आ जाएं.इस अवस्था में घुटने हिप्स की चौड़ाई में होने चाहिए.
स्टेप 5. पैर की उंगलियों को अंदर की ओर मोड़ें.
स्टेप 6. सांस छोड़ते हुए हिप्स को ऊपर ले जाएं और पैरों को सीधा करें.
स्टेप 7. ऐड़ियों को पीछे की ओर ले जाएं और जमीन से टिकाने की कोशिश करें.
स्टेप 8. सिर को ज़मीन की दिशा में आरामदायक स्थिति में रखें. इस अवस्था में मेरूदंड सीधी रखें.
स्टेप 9. इस मुद्रा में 1-3 मिनट तक बने रहें।
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